मल्हारराव ने गड़रिए से जीवन प्रारम्भ कर अपने बल, बुद्धि कौशल से साम्राज्य स्थापित किया - बघेल
आगरा, 24 फरवरी। "ताज महोत्सव" के अन्तर्गत "संस्कार भारती" द्वारा सोमवार को सूरसदन में इन्दौर के "अर्चना सच्चिदानंद चितले" द्वारा पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर पर नाट्य प्रस्तुति की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री प्रो एस पी सिंह वघेल ने कहा कि मल्हारराव होलकर पैदाइशी राजा नहीं थे, एक सामान्य गड़रिए से जीवन प्रारम्भ करके उन्होंने अपने बल, बुद्धि और कौशल से साम्राज्य स्थापित किया। उन्होंने संस्कार भारती को बधाई दी कि उन्होंने पुण्यश्लोका अहिल्याबाई के वंशज उदयराजे होलकर को इस नाट्य प्रस्तुति के अवसर पर आमंत्रित किया।
अहिल्याबाई के वंशज उदयराजे होलकर ने कहा कि हमारे वंश पर अपराधबोध का कोई कलंक नहीं है.
नाट्य प्रस्तुति का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री वघेल, उदयराजे होलकर, संस्कार भारती के अखिल भारतीय अधिकारी बांकेलाल गौड़, अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह सुनील दीक्षित ने अहिल्याबाई होलकर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।
मातोश्री अहिल्या देवी एकल नाट्य मंचन अहिल्या देवी के किरदार में अर्चना चितले, लेखन निर्देशन - किरण शनि, नृत्य संगीत दीपा शनि चाहत पोरवल, जय गणेचार्य
रंगभूषा श्रीमती चित्रा अंतरकर, प्रकल्प प्रमुख श्री अभिजीत निरखीवाले ने प्रस्तुति की।
कार्यक्रम में ए डी जे प्रदीप कुमार मिश्रा, मीनाक्षी मिश्रा, अंजली, प्रो लवकुश मिश्रा, मधुकर चतुर्वेदी, डा साधना सिंह, दीपक गर्ग, एस एन गर्ग, ऋतुराज दुबे, डॉ विनोद महेश्वरी, प्रो लवकुश मिश्रा, प्रो बिंदु अवस्थी, यतेन्द्र सोलंकी, मीनाक्षी मिश्रा, आलोक आर्य आदि उपस्थित रहे।
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