सहकारिता भारतीय जीवन पद्धति का अविभाज्य अंग

आगरा, 10 जनवरी। सहकारिता के माध्यम से देश का समग्र विकास संभव है तथा भारत को यदि एक विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करना है तो वह सरकार सहकारिता के माध्यम से ही संभव हो पाएगा - यह विचार शुक्रवार को यहाँ डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन के सभागार में विभिन्न विद्वानों ने व्यक्त किए गए। कार्यक्रम था सहकार भारती के 47वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार संगोष्ठी का। 
मुख्य अतिथि भवेन्द्र ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से समाज में एकता तथा सद्भाव की स्थापना हो सकती है। विशिष्ट अतिथि डा लव कुश मिश्रा, डा ओमवीर सिंह, अपर जिला सहकारी अधिकारी हरिओम, राणा प्रताप ने भी विचार रखे। अध्यक्षता राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य करुणा नागर ने की। 
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर माँ सरस्वती तथा सहकार भारती के संस्थापक स्वर्गीय लक्ष्मण राव इनामदार की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शुरू किया गया। प्रो वेद प्रकाश त्रिपाठी ने सहकार भारती तथा इसके उद्देश्यों से सदस्यों का परिचय कराया। संचालन विभाग संयोजक राकेश शुक्ला ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफ़ेसर पी के सिंह ने किया। 
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