वीडियो वायरल: तो क्या बस्ती वालों की ज्यादती से परेशान होकर असद ने की मां और चार बहनों की हत्या? पिता ने भी लिखा था शिकायती पत्र, धर्म परिवर्तन कर घर में मंदिर बनवाने की थी चाहत!! पड़ोसी बोले- सनकी है असद || क्या सही क्या गलत जांच में जुटी पुलिस

आगरा, 01 जनवरी। लखनऊ के एक होटल में विगत रात्रि अपनी मां और चार बहनों की हत्या करने के आरोपी आगरा निवासी असद को लेकर कई तरह की खबरें सामने आ रही हैं। नए साल पर हुई दिल दहलाने वाली वारदात से हर कोई सकते में हैं। लखनऊ पुलिस की 24 वर्षीय असद से पूछताछ जारी है। असद खुद भी जान देना चाहता था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया। 
बताया गया है कि असद अपने पिता बदर, मां आस्मा और चार बहन आलिया (9), अल्शिया (19), अक्सा (16) और रहमीन (18) के साथ लखनऊ के नाका थाना इलाके के होटल शरनजीत में रुका हुआ था। असद ने देर रात में सामूहिक हत्याकांड को अंजाम दिया। पिता कहां है, उसकी जानकारी अभी नहीं है। 
असद ने वीडियो में बस्ती 
वालों को जिम्मेदार बताया 
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक असद ने हत्याकांड को अंजाम देने के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसमें उसने कहा कि मैंने अपने हाथों से मां और बहन को मारा। इसके जिम्मेदार बस्ती वाले हैं। हमारा घर इन लोगों ने छीनने के लिए न जाने कितने-कितने जुल्म किए। हमने आवाज उठाई तो हमारी किसी ने नहीं सुनी। 10-15 दिन हो गए, सर्दी में भटकते हुए। पूरी बस्ती इन हत्याओं की जिम्मेदार है। जो लड़कियों को बेचते हैं। न जाने कितने गरीब लोगों की बेटियां इन लोगों ने उठाकर बेच दीं। इन लोगों का प्लान था कि हम लोगों को जेल पहुंचाकर हमारी बहनों को बेचेंगे। हम ये नहीं चाहते थे।
वायरल वीडियो में असद ने बताया कि कुछ लोगों के जुल्मों की वजह से वह धर्म परिवर्तन करना चाहता था। असद ने वीडियो में कहा कि हम बदायूं के रहने वाले हैं। हम पर आरोप लगाते हैं कि बांग्लादेशी हैं। लेकिन बदायूं में रहने वाली हमारी ताई के पास सारे सबूत मिल जाएंगे कि हम हिंदुस्तानी हैं। आज मेरी सारी बहनें मर रही हैं। मैं भी मर जाऊंगा। पीएम मोदी, सीएम योगी से गुहार लगाते हुए कहा कि हर मुसलमान एक सा नहीं होता है। हिंदुस्तान के अंदर फिर किसी परिवार को ऐसा नहीं करना पड़े। जीते जी नहीं तो मरने के बाद इंसाफ दे दीजिए। आप सच्चे हिंदू और ठाकुर हैं तो मेरे घर में मंदिर बनना चाहिए।
असद ने कहा कि बस्ती वालों ने चौकी अपने हाथ में ले रखी है। पुलिसकर्मियों को पैसा देकर बच जाते हैं। असद ने कहा है कि आपकी मर्जी है कि जलाओ या दफनाओ। इनको बेरहमी से मैंने मारा है। हमारी हिंदुओं ने ही मदद नहीं की। हाथ जोड़कर विनती है, इंसाफ दिलाओ। लखनऊ आए थे, आपसे मिलने के लिए, लेकिन मिल नहीं पाए।
असद के पिता का पत्र भी सामने आया "मेरे घर बनवा देना राम मंदिर..."
असद के पिता का शिकायती पत्र भी सामने आया है, जिसमें उसने अपनी पीड़ा बयां की है। लिखा है कि यदि मुझे और मेरे परिवार को कुछ हो जाए, तो मेरे घर में राम मंदिर बनवा देना। 
असद के पिता ने इस शिकायती पत्र में लिखा है कि 18 दिसंबर को उनके घर पर पथराव किया गया। मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी गई। उसने डायल 112 पर फोन कर पुलिस भी बुलाई, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस बात से बुरी तरह आहत हो चुके थे। इसी वजह से हिंदू धर्म अपनाने और अपने मकान में मंदिर बनवाने की घोषणा कर दी। साथ ही परिवार के लोगों की सुरक्षा के लिए गुहार भी लगाई थी। 
असद के पिता बदर की ओर से ये शिकायती पत्र पीएम मोदी, सीएम योगी के अलावा अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, नई दिल्ली के अलावा आगरा के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त, थाना छत्ता सर्किल के सहायक पुलिस आयुक्त और थाना ट्रांस यमुना के थाना प्रभारी का नाम है। 
इस पत्र में लिखा है कि वो मकान संख्या-183 इस्लाम नगर, टेढ़ी बगिया का रहने वाला है। उसके पड़ोसी और उनके रिश्तेदार अपराधी किस्म के लोग हैं। वो अपने घर में छोटी सी परचून की दुकान चलाता है। आरोपियों ने 16 दिसंबर की शाम पांच बजे ऑटो से उसकी दुकान में टक्कर मरवाई, जिससे उसकी छोटी बेटी आलिया के हाथ में चोट लग गई। पीड़ित ने थाने में शिकायत की, तो थाना पुलिस ने राजीनामा कराकर मामला रफादफा कर दिया। इसके बाद 18 दिसंबर को सुबह आठ बजे आरोपियों ने उसके घर पर पथराव कर दिया। बेटियों से अभद्रता की गई। विरोध करने पर मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। उसने दो बार डायल 112 पर फोन किया। दोनों बार पुलिसकर्मी आए, लेकिन आरोपियों पर कार्रवाई करने की जगह उल्टा उसे ही डांट फटकार कर चले गए। पत्र में लिखा है कि वो आरोपियों से इस कदर दहशत में हैं कि हिंदू धर्म अपनाना चाहते हैं। इसके साथ ही आरोपी जिस मकान पर कब्जा करना चाहते हैं, वहां उनकी अपील है कि राम मंदिर बनवाया जाए। आरोपियों के डर की वजह से पीड़ित बच्चों को लेकर सर्दी में भी घर छोड़कर सड़क पर भटकने के लिए मजबूर है। यदि मुझे और मेरे परिवार को कुछ हो जाता है, तो मेरी पूरी जायदाद हिंदू मंदिर ट्रस्ट के नाम कर दी जाए।
पड़ोसी बोले, सनकी है असद, परिवार 
भी किसी से मतलब नहीं रखता था
इधर आगरा में इस परिवार के पड़ोसियों का कहना है कि असद सनकी है। उसकी बहन और मां भी किसी से मतलब नहीं रखती थीं। बताया जा रहा है कि यह परिवार 12 दिन पहले घर से गया था। दो-दो महीने के लिए पूरा परिवार कहीं भी गायब हो जाता था। असद के काम के बारे में किसी को भी स्पष्ट पता नहीं है, लेकिन शुरुआत में वह फेरी लगाने का काम करता था।
असद को लेकर पड़ोसियों ने चौंकाने वाली हकीकत बताई। वह किसी से बात नहीं करता है। जरा-जरा सी बात पर झगड़े पर उतारू हो जाता है। कुछ दिन पूर्व ही पड़ोसी से बिजली का मीटर घर की दीवार पर लगाए जाने को लेकर भी उसका विवाद हुआ था। बारह दिन पूर्व ही वह परिवार के साथ घर पर ताला लगाकर कहीं चला गया। 
एक पड़ोसी ने बताया कि बात छह महीने पुरानी है। उसकी सात महीने की मासूम बेटी थी, जो बीमार थी। उसकी सांसें चल रहीं थीं, लेकिन असद ने उसका इलाज नहीं कराया। उसने घर में ही कब्र खोदी और बीमार बेटी को दफना रहा था। पड़ोसियों को जब इस बात की जानकारी हुई, तो उन लोगों ने उसे रोक लिया। मासूम बेटी को चिकित्सक के पास लेकर गए, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई, जिसके बाद उसे कब्रिस्तान में दफनाया गया। 
बस्ती की एक अन्य महिला ने बताया कि असद व्यवहार रखने लायक नहीं था। वह रात में कितने बजे आता और जाता किसी को नहीं पता था। शादी हुई जिसके बाद उसकी पत्नी भी खुश नहीं थी। पहली पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी, जिसके बाद असद ने दूसरी शादी कर ली थी। वह अक्सर अजमेर भी जाता रहता था। दिल्ली में किसी के यहां काम करता था, जिसकी वजह से उसे दिल्ली वाले के नाम से ही लोग अधिक जानते हैं। दिल्ली से कुछ भी सामान लाकर यहां फेरी लगाकर बेचता था। 
वह किसी से भी बनाकर नहीं रखता था। आखिर उसके मन में क्या चल रहा था, ये किसी को अंदाजा नहीं था। 
पड़ोस के लोगों ने बताया कि असद इस्लाम नगर में काफी समय से रहता आ रहा है, लेकिन उसकी दोस्ती किसी से भी नहीं थी और न ही वह किसी के साथ उठता बैठता था। सामान खरीदने के लिए कभी घर से निकला तो ठीक, बाकी समय वो किसी को दिखाई भी नहीं देता था। उसकी बहन और मां भी किसी से मतलब नहीं रखती थीं। असद की पत्नी कहां गई, किसी को जानकारी नहीं है। 
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