वर्षों तक दुर्व्यवहार सहने वाली हथिनी कल्पना ने पूरे किए आजादी के पांच साल
आगरा, 01 मई। कल्पना, एक मादा हथिनी है, जिसने अपने भयानक अतीत पर विजय प्राप्त की, जिसके परिणामस्वरूप कल्पना ने वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ अपनी स्वतंत्रता के पांच साल पूरे कर लिए है। पूर्व में उत्तर प्रदेश की सड़कों पर 'भीख मांगने वाली' हथिनी के रूप में शोषण और दुर्व्यवहार की शिकार कल्पना को वर्ष 2019 में वाइल्डलाइफ एसओएस ने बचाया था, जिसे लंबे समय तक देखभाल और उपचार के लिए मथुरा स्थित अपने हाथी अस्पताल परिसर में लाया गया था।
अपने रेस्क्यू के दौरान, कल्पना की हालत बेहद ही गंभीर थी, उसके शरीर पर दर्दनाक अतीत के शारीरिक और भावनात्मक घाव थे। वाइल्डलाइफ एसओएस के एलिफेंट हॉस्पिटल कैंपस में पशु चिकित्सकों की समर्पित टीम ने दिन रात कल्पना के घाव भरने की कोशिश की, जो निर्जलीकरण और कुपोषण का संकेत दे रहे थे। वह जब अस्पताल परिसर आई थी तब मिट्टी खा रही थी, जो कि पेट में कीड़े से संक्रमित आंत की खराबी का संकेत दे रहे थे। इसके अतिरिक्त, भीख मांगते समय उसकी पीठ पर 400 किलो से भी अधिक वजनी लोहे का भारी सामान बंधा होने के कारण उसकी चाल भी गंभीर रूप से प्रभावित थी।
कल्पना को दाहिनी आँख से दिखता नहीं था, टखने की हड्डी का बाहर आ जाना, और अगले पैर के नाखूनों में फोड़े-फुन्सियों का बढ़ना भी परेशानियों में शामिल था। वाइल्डलाइफ एसओएस पशु चिकित्सकों द्वारा लेजर थेरेपी और फुटबाथ उपचार किया गया।
कल्पना अब अपना दिन अपने पसंदीदा शकरकंद और तरबूज़ खाकर बिताती हैं। उसे अस्पताल परिसर में एक नेत्रहीन हथिनी, हौली के रूप में आजीवन साथी भी मिला है। कल्पना की मानसिक भलाई में मदद करने में हौली की बहुत बड़ी भूमिका रही है। दोनों अपनी दैनिक सैर के दौरान और पूल में अपने हाइड्रोथेरेपी सत्र के दौरान भी साथ ही रहती हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “कल्पना की यात्रा जीवित रहने की अदम्य भावना का प्रतीक है।''
सचिव, गीता शेषमणि ने कहा कि सामाजिक प्राणी होने के नाते, हाथी अपने साथियों के साथ सबसे अच्छे से पनपते हैं।
______________________________________
Post a Comment
0 Comments