आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी तीन बार जीत चुका है कायाकल्प अवॉर्ड
आगरा, 03 जनवरी। हाल ही में सीआरएम (सेंट्रल रिव्यू मिशन) की टीम ने जनपद में निरीक्षण कर आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं को परखा और केंद्र पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की सराहना की ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाना है।
एसीएमओ आरसीएच/अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन केंद्रों पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं, रोग निदान और उपचार, स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेघना शर्मा का कहना है कि तीन बार कायाकल्प अवॉर्ड जीतने के बाद में केंद्र अब एन.क्यू.ए.एस. के एक्सटर्नल असिसमेंट लिए भी तैयार है। उन्होंने बताया कि केंद्र पर आने पर मरीज को सबसे पहले पंजीकरण कराना होता है। इसके बाद मरीज का बीएमआई (बॉडी मार्स इंडेक्स), वजन, लंबाई मापा जाएगा। यदि मरीज की आयु 30 वर्ष से अधिक है तो उसकी ब्लड प्रेशर और शुगर की जाँच भी की जाती है। इसके बाद चिकित्सक द्वारा मरीज को देखा जाता है। यहां पर हीमोग्लोबिन ब्लड ग्रुप प्रेग्नेंसी डेंगू मलेरिया एचआईवी सहित 22 तरह की जांच भी की जाती है इसके साथ ही टीकाकरण व बच्चों की देखभाल सहित अन्य सेवाएँ भी यहाँ पर दी जाती हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर सुसज्जित नर्सिंग कक्ष, स्तनपान कॉर्नर भी उपलब्ध है। इसके साथ ही लेबर रूम में सुरक्षित प्रसव भी किए जाते हैं। इस हरे भरे कैंपस में शौचालय व्हीलचेयर की सुविधा भी है।
डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि केंद्र को तीन बार कायाकल्प अवॉर्ड मिल चुका है, इसमें दो बार केंद्र जनपद में प्रथम स्थान पर रहा है और एक बार स्टेट में प्रथम स्थान पर रहा है। डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी पर निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं का उत्थान हुआ है।
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