गुजरती जिंदगी ने ये सबक मुझको सिखाया है....
आगरा, 05 जनवरी। माधुर्य साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था के तत्वावधान में माधुर्य कार्यालय पर नव वर्ष के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित कवि एवं कवयित्रियों ने अपनी रचनाएं सुना कर श्रोताओं का मन मोह लिया। श्रृंगार, वीर, हास्य आदि रसों से सराबोर कविताओं के मेघ जम कर बरसे।
वरिष्ठ कवयित्री डॉ. कुसुम चतुर्वेदी ने कहा, "तुम आधार हुए जीवन के, मिले नए आयाम.. संस्कार भारती के वट वृक्ष राज बहादुर राज जी ने ,"मोतियों को न यूं ही लुटाया करो।" डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने, ये भयानक दौर है तुम होश में रहना ज़रा। डॉ राजेंद्र मिलन ने ,"लेकर आया नया संदेशा जीवन का उत्कर्ष।" गीतकार कुमार ललित ने कहा, "सामने है फिर नया इक साल, ये दुआ है सब रहें खुशहाल।"
काव्य गोष्ठी में राज कुमार जैन, रमा वर्मा 'श्याम', राज बहादुर राज, समायरा विजय गुप्ता, अतुल दक्ष, नागेश शुक्ला, डॉ हरवीर परमार, नीलम गुप्ता, डॉक्टर रेखा गौतम, श्वेता, विनय बंसल, नंद नंदन गर्ग, डॉ. पायल सक्सेना, डॉ राजीव शर्मा निस्पृह एवं रामेंद्र शर्मा आदि की उपस्थिति रही।
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