डॉ. आरएम मल्होत्रा का 93 वर्ष की आयु में निधन, चिकित्सा जगत में शोक

आगरा, 12 जनवरी। उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल और मल्होत्रा नर्सिंग एंड मैटरनिटी होम के चेयरमैन डॉक्टर राजेंद्र मोहन मल्होत्रा नहीं रहे। रविवार की शाम उनका निधन हो गया। वे 93 साल के थे। उनके निधन पर डॉक्टर्स और शहर के गणमान्य लोगों ने दुख जताया है।
डाॅ आरएम मल्होत्रा के पूर्वज 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले ही भारत आकर बस गए थे। उनके पिता शिवनाथ मल्होत्रा ( एसएन मल्होत्रा) ने पाकिस्तान के लाहाैर विश्वविद्यालय से एमडी किया था। वे पाकिस्तान के पसिया डसका के रहने वाले थे। उन्होंने कई बार इंग्लैंड की यात्रा की। आरएम मल्होत्रा के पिता पहले शिमला के निकट जुब्बल आए। फिर कराैली महाराज राजस्थान ने अपने पास बुला लिया। आरएम मल्होत्रा ने कराैली जिले में पढ़ाई की थी। वर्ष 1951 में जयपुर स्थित सवाई मानसिंह मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई की। एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने जनरल सर्जरी और नेत्र चिकित्सा में डिप्लोमा किया। उनकी पहली पोस्टिंग जिला पुलिस अस्पताल में मेडिकल सुपरिटेंडेंट के रूप में हुई। उन्होंने डाॅक्टर प्रभा मल्होत्रा को 17 मई, 1956 को अपनी जीवनसंगिनी बनाया।
वर्ष 1957 में एसएन मल्होत्रा के रिटायर होने के बाद भरतपुर में मल्होत्रा नर्सिंग होम स्थापित किया। दो साल बाद 1959 में डाॅक्टर आरएम मल्होत्रा ने अपनी पत्नी डाॅक्टर प्रभा मल्होत्रा और पिता डाॅ एसएन मल्होत्रा के साथ 1959 में आगरा को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना। एमजी रोड पर मल्होत्रा नर्सिंग होम खोला। यह उत्तर प्रदेश का पहला निजी नर्सिंग होम था। कुछ ही समय में अपनी चिकित्सीय सेवा के दम पर वे कुशल चिकित्सक, जनरल सर्जन और स्त्री रोग के रूप में मशहूर हो गए। नई चिकित्सा विधि सीखने और वर्कशाॅप के लिए दर्जनों बार विदेश की यात्रा की। उनके कई शोध पत्र भी प्रकाशित हुए। वर्ष 1980 में उत्तर प्रदेश में पहली बार दूरबीन विधि से ऑपरेशन की सुविधा मल्होत्रा नर्सिंग होम में शुरू हुई। चिकित्सा क्षेत्र में तकनीक के मामले में यह अस्पताल हमेशा अग्रणी रहा है। वर्ष 1982 में अल्ट्रासाउंड की शुरुआत भी इसी अस्पताल में हुई। वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर मल्होत्रा नर्सिंग होम में स्थापित किया गया। वर्ष 2012 में उनकी पत्नी डाॅक्टर प्रभा मल्होत्रा का असामयिक निधन हो गया। इसके बाद रेनबो हॉस्पिटल की स्थापना की गई। 110 बेड वाले इस अस्पताल की पहचान सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में हुई।
आरएम मल्होत्रा सरल स्वभाव के थे। उन्होंने साथियों और स्टाफ को हमेशा मेहनत, ईमानदारी और अनुशासन की सीख दी। मरीजों के प्रति वे सदैव उदार रहे। कुष्ठ आश्रम, रोटरी क्लब, आगरा क्लब और महिला क्लबों में कई कार्य कराए। वे थियोसॉफिकल सोसायटी के सक्रिय सदस्य भी रहे।
आरएम मल्होत्रा के पुत्र उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के एमडी एवं प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅक्टर नरेंद्र मल्होत्रा और पुत्रवधू रेनबो आईवीएफ की एमडी डाॅक्टर जयदीप मल्होत्रा उनके ही पदचिन्हों पर चल रहे हैं। पौत्र आईआईवीएफ तकनीक में एंब्रॉलजिस्ट डॉक्टर केशव मल्होत्रा और पौत्री आईवीएफ एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निहारिका मल्होत्रा आगरा में प्रैक्टिस कर रहे हैं। 
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