गृहकर का मुद्दा जोर-शोर से उठा, नहीं आए वरिष्ठ अफसर

आगरा, 25 मई। नेशनल चैंबर भवन में आज गुरुवार की शाम स्मार्ट सिटी एवं औद्योगिक विकास प्रकोष्ठ की संयुक्त बैठक में व्यवसायिक व औद्यौगिक भवनों पर लगाए जा रहे अनाप-शनाप गृहकर का मुद्दा जोर-शोर से उठा। नगर निगम से इस बारे में समुचित उत्तर देने के लिए कोई वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुआ। जोनल अधिकारी विजय कुमार व तीन-चार अन्य कनिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया, लेकिन साथ ही उन्होंने अपने स्तर पर व्यापारियों, उद्यमियों का हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
स्मार्ट सिटी प्रकोष्ठ के चेयरमैन अधिवक्ता के.सी. जैन ने कहा कि गृहकर अधिनियम के अनुसार नियमावली 2014 में विभिन्न प्रकार की विसंगतियां हैं, जिससे गृहकर के भुगतान करने में कठिनाई आ रही है।
पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि अधिकांश बिल गलत होने पर करदाता के स्थान पर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा ही बिल सही करके भेजे जाने चाहिए और गलत बिल बनाने वाले अधिकारी की जवाबदेही तय होनी चाहिये।
एफमैक के अध्यक्ष पूरन डाबर ने कहा कि जिस क्षेत्र को निगम को हैंडओवर नहीं किया गया है और उस क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है, वहां गृहकर नहीं लगना चाहिए। 
बैठक का संचालन के.सी. जैन व औद्योगिक विकास प्रकोष्ठ चेयरमैन मुकेश अग्रवाल द्वारा किया गया। नगर निगम प्रकोष्ठ के चेयरमैन डा. बब्बू साहनी ने नगर निगम के अधिकारियों का परिचय कराया।
अध्यक्ष राजेश गोयल ने मांग की कि स्मार्ट सिटी के तहत जो स्थाई विकासों के किये जाने से कठिनाइयां आ रही हैं, उसमें उद्योगों की गतिविधियां बाधित न हो। बैठक में अनिल अग्रवाल, मनोज बंसल, शान्तिस्वरुप गोयल, सीताराम अग्रवाल, अमर मित्तल, अतुल कुमार गुप्ता, राजीव अग्रवाल, संजय गर्ग, हरीश सुन्दरानी, विजय कुमार आदि भी उपस्थित थे।
इससे पहले केन्द्रीय मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, महाप्रबंधक - रेलवे एनसीआर द्वारा हरीपर्वत-सेन्ट जोन्स चौराहे के मध्य पुल के चौड़ीकरण के सम्बन्ध में किए गए निरीक्षण में नेशनल चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल व पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल भी शामिल हुए। यह कार्य रेलवे एवं पीडब्ल्यूडी द्वारा सम्पन्न किया जायेगा, अतः महाप्रबन्धक रेलवे ने पीडब्ल्यूडी को एनओसी जारी करने हेतु सहमति प्रदान की।
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