बड़ा झटका: चैंबर चुनाव में कोषाध्यक्ष पद पर संजय अग्रवाल का नामांकन खारिज, कार्यकारिणी में भी दो पर्चे रद्द || अध्यक्ष पद के प्रत्याशी संजय गोयल के खिलाफ भी शिकायत

आगरा, 25 फरवरी। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स आगरा के वार्षिक चुनावों में मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान एक कोषाध्यक्ष और दो कार्यकारिणी सदस्यों के लिए नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए। कोषाध्यक्ष पद पर दो ही प्रत्याशी विनय मित्तल और संजय अग्रवाल थे। चुनाव समिति ने संजय अग्रवाल के नामांकन पत्र में कमियां पाते हुए उसे खारिज कर दिया। ट्रेडर्स ग्रुप के दो कार्यकारिणी प्रत्याशियों का नामांकन पत्र उनकी कम उपस्थिति के आधार पर खारिज किया गया।
इधर अपने पैनल में शामिल संजय अग्रवाल का पर्चा खारिज होते ही अध्यक्ष पद के प्रत्याशी योगेश जिंदल ने अध्यक्ष पद के दूसरे प्रत्याशी संजय गोयल के खिलाफ भी चुनाव समिति से शिकायत कर दी। उन्होंने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने और पर्चे भरे जाने के बाद संजय गोयल को एक कार्यक्रम का संयोजक बनाने पर एतराज जताया है। 
इस बीच कोषाध्यक्ष पद पर पर्चा खारिज होने के बाद संजय अग्रवाल ने चुनाव समिति को स्वयं के शहर से बाहर होने की जानकारी देते हुए बुधवार को लौटने और मिलने का समय मांगा है।
क्यों किया गया कोषाध्यक्ष प्रत्याशी का पर्चा खारिज
संजय अग्रवाल का पर्चा खारिज किए जाने का कारण बताते हुए चुनाव समिति के चेयरमैन प्रदीप वार्ष्णेय ने कहा कि संजय अग्रवाल द्वारा दिए गए विवरण विरोधाभासी हैं। वे पहले संजीव अग्रवाल की फर्म मित्तल क्रोकरी हाउस के अधिकृत प्रतिनिधि थे, बाद में उन्होंने अपनी कैटरिंग की फर्म "से कैटरर्स" बना ली। इसमें फर्म की प्रोपराइटरशिप, फर्म का नाम और पंजीकरण बदल गए। इस स्थिति में उन्हें नए सदस्य के रूप में आवेदन करना चाहिए था, जो नहीं किया गया बल्कि पुरानी सदस्यता का ही नवीनीकरण करा लिया गया। नामांकन पत्र की जांच में यह कमी देखते हुए उनका पर्चा खारिज किया गया।
इस बारे में संजय अग्रवाल का कहना है कि वह नियमानुसार ही सदस्य बने और तीन बार कार्यकारिणी सदस्य रह चुके हैं। इससे पहले यह आपत्ति नहीं की गई तो इस बार ही क्यों? समिति के समक्ष वे बुधवार को पक्ष रखेंगे। 
क्या कहते हैं जानकार?
इस बारे में चैंबर सूत्रों का कहना है कि संजय अग्रवाल के पास अब कोर कमेटी के पास जाने का रास्ता बचा है। यदि वह कोर कमेटी में शिकायत करते हैं तो दो दिन के अंदर बैठक करके कमेटी इस बारे में फैसला ले सकती है और चुनाव समिति को उसे मानना पड़ सकता है। 
लेकिन चैंबर के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि कोर कमेटी में जाने का रास्ता केवल नए संविधान संशोधन में ही है। उनका दावा है कि नया संविधान सोसायटी रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा जरूर हो गया है, लेकिन अभी उसे रजिस्ट्रार की मंजूरी नहीं मिली है, अतः अभी पुराने नियम ही लागू होंगे और उसके तहत कोर कमेटी इसके लिए अधिकृत नहीं है।
संजय गोयल के खिलाफ मांगे लिखित साक्ष्य
अध्यक्ष पद के प्रत्याशी योगेश जिंदल द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वी संजय गोयल को यमुना आरती कार्यक्रम के लिए संयोजक बनाए जाने पर आपत्ति कर दी है। इस आपत्ति पर चुनाव समिति ने उनसे लिखित साक्ष्य दाखिल करने को कहा है। इस बारे में चैंबर अध्यक्ष अतुल गुप्ता का कहना है कि चैंबर संविधान इस बारे में कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं है। किसी भी चैंबर सदस्य भले हो वह प्रत्याशी हो उसे संयोजक बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कुछ और कार्यक्रम होने हैं, उनमें भी किसी प्रत्याशी बनाया जा सकता है।
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