किसानों का इनर रिंग रोड पर धरना, सड़क पर लेटी महिलाएं, जाम में फंसे अनेक वाहन

आगरा, 30 दिसम्बर। एक ओर शहरवासी नए साल के जश्न की तैयारियों में जुटे हुए हैं तो दूसरी ओर इनर रिंग पर कड़ाके की सर्दी में किसानों द्वारा धरना दिया रहा है।  रहनकलां व रायपुर मौजा के प्रभावित किसान ट्रैक्टर ट्रॉली से इनर रिंग रोड के सहारे सर्विस रोड पर धरने पर बैठे हैं। सोमवार को महिलाओं ने सड़क के बीचों बीच लेटकर यातायात जाम कर दिया। पहले तो एक लेन को ही रोका गया था लेकिन एडीए और प्रशासनिक अधिकारियों के सोमवार दोपहर तक भी नहीं पहुंचने पर दूसरी लाइन पर भी डेरा डाल दिया गया। पुलिस उन्हें समझाने में जुटी हुई है।
किसानों के धरने से इनर रिंग रोड पर लंबा जाम लग गया। ताजमहल देखने आने वाले अनेक देशी और विदेशी सैलानी भी इस जाम में फंसे रहे। यमुना एक्सप्रेस वे से इनर रिंग रोड की ओर आने वाले वाहनों को कुबेरपुर इंटरचेंज से ही नीचे उतार कर वाटर वर्क्स चौराहे से यमुना किनारा मार्ग होते हुए ताजमहल की ओर भेजा गया।
पंद्रह वर्ष पूर्व भू-अधिग्रहण के नाम पर छीनी गई अपनी जमीन की वापसी के लिए रहनकलां और रायपुर मौजा के प्रभावित सैकड़ों किसानों ने एक बार फिर इनर रिंग रोड पर बीवी-बच्चों संग डेरा डाल दिया है। अधिकारियों ने रविवार को दिनभर किसानों को मनाने के प्रयास किए लेकिन किसान परिवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता कराने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। बीती रात साढ़े नौ बजे ठोस निर्णय लेकर 11 बजे आने की कहकर गए अधिकारी फिर रातभर लौटकर नहीं आए।  किसान उनका इंतजार करते रहे। इसके बाद सभी महिला पुरुष आंदोलनकारियों ने किराए पर लाईं गईं टेंट की रजाइयों में ठिठुरन भरी रात काटी।
गौरतलब है कि आगरा विकास प्राधिकरण की ओर से चौदह साल पहले रायपुर व रहनकलां मौजा के बारह से अधिक गांवों की 444 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई थी, जिसमें पांच हजार किसान प्रभावित हुए थे। किसानों का कहना है कि उन्हें आज तक इसका मुआवजा नहीं दिया गया है। राजस्व अभिलेखों से उनके नाम भी काट दिए गए हैं। अब वह अपनी अधिग्रहित जमीनों को वापस मांग रहे हैं।
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