अपर नगरायुक्त के छापे से हड़कंप, जब्त की फाइलें, जन्म-मृत्यु कार्यालय की मिल रही थीं शिकायतें
आगरा, 28 नवम्बर। दलालों के सक्रिय होने और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर गंभीर रुख अपनाते हुए नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र तिवारी ने हरीपर्वत जोनल कार्यालय स्थित जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र आफिस पर अचानक छापामार मारा। इससे वहां तैनात कर्मचारियों में अफरातफरी मच गई।
अपर नगर आयुक्त ने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आये लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं भी जानी। लोगों द्वारा की गई अनियमितताओं की शिकायत के बाद उन्होंने म्युटेशन से संबंधित 25 फाइलों को कब्जे में ले लिया। जांच में अनियमितताएं मिलने पर संबंधित बाबू के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नगर आयुक्त ने जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के मामले में दलालों के सक्रिय होने और भ्रष्टाचार की शिकायतों की जानकारी मिलने पर अपर नगर आयुक्त को कार्रवाई के निर्देश दिये थे। आदेशों के अनुपालन में अपर नगर आयुक्त ने अधीनस्थों के साथ हरीपर्वत जोनल कार्यालय स्थित जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने वाले विभाग पर औचक छापामार कार्रवाई की।
लोगों का कहना था विभागीय बाबुओं के द्वारा समय पर काम करने के बजाय उन्हें बार बार कार्यालय के चक्कर लगवाये जाते हैं। एक बार सभी औपचारिकताएं पूरी कराने के बजाय उन्हें बार बार दौड़ाया जाता है। इस पर अपर नगर आयुक्त ने विभाग में तैनात पांच बाबुओं के पास रिकार्ड से नामांतरण संबंधी पांच -पांच फाइलों को कब्जे में ले लिया और उन्हें अपने साथ ले आये। अपर नगर आयुक्त ने बताया कि इन फाइलों की जांच की जाएगी। जांच के दौरान अगर किसी मामले में भी अनियमितता की जानकारी सामने आई तो संबंधित बाबू के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई के दौरान न्यू आदर्श नगर निवासी महिला सीमा अग्रवाल पत्नी राहुल अग्रवाल ने अपर नगर आयुक्त को बताया कि उसे अपने पुत्र रियांस अग्रवाल का बर्थ सर्र्टीफिकेट बनवाना है। कर्मचारियों के द्वारा उन्हें चक्कर कटवाये जा रहे हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने संबंधित फाइल को बाबू से लेकर जेडओ अक्षय कुमार को जल्द से जल्द मामले को निपटाये जाने के निर्देश दिये।
अपर नगर आयुक्त उक्त मामले में उस दौरान पटल पर रहे बाबू को को अपने कार्यालय में तलब किया है। इस मामले को लटकाये जाने का कारण उससे पूछा जाएगा। वर्ततान में उक्त बाबू जोंस लाइब्रेरी में तैनात है।
इस मामले की जांच दौरान पता चला है कि संबंधित बाबू के द्वारा मामले की जांच कर रिपोर्ट लगाने के लिए एसएफआई रोहित कुमार को फाइल भेज दी थी।
एसएफआई ने समय से अपनी रिपोर्ट नहीं दी जिससे इस मामले का निस्तारण नहीं हो पा रहा था। उक्त बच्चे का जन्म चूंकि 23 नबंवर 2020 को हुआ था अतः नगर निगम की रिपोर्ट के उपरांत फाइल को एसडीएम कार्यालय जाना था जहां से एसडीएम के आदेश के बाद नगर निगम को प्रमाण पत्र जारी करना था।
जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ये हैं नियम
यदि कोई अभिभावक बच्चे के जन्म के 21 दिन के भीतर जन्म प्रमाण पत्र के लिए आॅन या आॅफलाइन आवेदन करता है तो अस्पताल के सर्टिफिकेट के आधार पर नगर निगम ही जन्म प्रमाण पत्र जारी कर देता है। अगर इसके लिए 21 दिन से एक साल के अंदर आवेदन किया जाता है तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय और इसके बाद किये आवेदन पर एसडीएम ऑफिस नगर निगम को प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश देता है।
आगरा, 28 नवम्बर। नगर निगम ने मच्छरों से निपटने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की योजना बनाई है। पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में इस योजना पर एक निजी कंपनी ने काम भी प्रारंभ कर दिया है। तीन दिन तक चलने वाले पायलेट प्रोजेक्ट के नतीजे अगर नगर निगम के माफिक रहे तो कंपनी के साथ एंटी लार्वा और फोगिंग के लिए करार कर लिया जाएगा।
विस्तृत क्षेत्रफल और संसाधनों की कमी के चलते नगर निगम ने मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग करने की योजना बनाई है। इस योजना पर काम भी प्रारंभ हो गया है। दो दिन से नगर के विभिन्न इलाकों में तालाबों, पार्कों ओर नालों पर ड्रोन की सहायता से फाॅगिंग और एंटी लार्वा का स्प्रे कराया जा रहा है। पायलेट प्रोजक्ट पर काम कर रही सिनर्जी टेलीमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि कंपनी ने प्रोजेक्ट पर अपना काम शुरु कर दिया है। पिछले दो दिनों में कंपनी बल्केश्वर स्थित शिवपुरी पार्क,शिवपुरी स्कूल पार्क, सेंट्रल पार्क आवास विकास, जोनल पार्क के अलावा पुष्पांजलि आशियाना, शास्त्रीपुरम पार्क, जोनल आफिस, करकुंज, मंटोला नाला, महावीर नाला, मंगलम अपार्टमेंट आदि स्थानों पर ड्रोन से एंटीलार्वा का स्प्रे और फाॅगिंग कराई जा चुकी है। इस दौरान करीब दस एकड़ का एरिया कवर किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी तक इस प्रकार का ड्रोन का उपयोग कृषि क्षेत्र में ही किया जाता था अब इसे मच्छरों पर नियंत्रण के दवाओं के स्प्रे करने के काम भी लाया जा रहा है। इसे दो आदमी आसानी से आॅपरेट कर लेते हैं। इसमें एक बार में पचास एम एल केमिकल का उपयोग ही होता है इसके टैंक की कैपिसिटी बीस लीटर की होती है।
इस संबंध में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। अभी तक नगरीय क्षेत्रों में मैनपावर और वाहनों का उपयोग कर एंटी लार्वा का स्प्रे और फाॅगिंग कराई जाती थी। इसमें बहुत अधिक समय और मैनपावर के अलावा बहुत अधिक मात्रा में केमिकल का प्रयोग करना होता था। पहुंच से दूर वाले इलाकों में फाॅगिंग और एंटी लार्वा का स्प्रे करने में कठिनाइयां होती थीं। इससे जहां पूरे शहर को जल्द से जल्द कवर किया जा सकेगा वहीं समय और केमिकल की बचत भी होगी। कंपनी द्वारा कराये जा रहे कार्य पर अधिकारियों से माॅनीटरिंग कराई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
आगरा नगर निगम प्रदेश में पहला ऐसा नगर निगम है जो एंटी लारवा ड्रोन के माध्यम से कर रहा है तथा देश में पहला नगर निगम है जो फागिंग को ड्रोन के माध्यम से करने की कोशिश कर रहा है।
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