माध्यमिक शिक्षा संयुक्त निदेशक के खिलाफ विजिलेंस कार्रवाई की जांच को समिति गठित
आगरा, 31 अगस्त। रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक आरपी शर्मा के मामले में प्रदेश शासन ने जांच समिति गठित कर दी है। विजिलेंस टीम की कार्रवाई की जांच के लिए इस समिति का गठन किया गया। आरपी शर्मा फिलहाल जेल में हैं। उनकी गिरफ्तारी का प्रदेश भर में विरोध किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शासन के सतर्कता अनुभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक और विशेष सचिव राम नगीना मौर्य के हवाले से इस संबंध में पत्र जारी किया है। समिति में सचिव, सतर्कता विभाग राजेश कुमार और विशेष सचिव, गृह विभाग वीके सिंह को रखा गया है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश से संबद्ध उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद (सेवारत) के अध्यक्ष डॉ. देव प्रकाश के अनुसार, यूपी एजूकेशनल आफीसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कौस्तुभ कुमार सिंह ने 18 अगस्त को पत्र लिखकर शासन से विजिलेंस कार्रवाई की जांच की मांग की थी।
गौरतलब है कि विगत 18 अगस्त को आरपी शर्मा को विजिलेंस ने रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा था। विजिलेंस प्रभारी का कहना था कि आवास विकास कॉलोनी निवासी और डीसी वैदिक इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक अजय चौधरी के खिलाफ फर्जी नियुक्ति की शिकायत हुई थी। इसकी जांच मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा के पास थी। अजय चौधरी ने विजिलेंस को बताया कि जेडी ने उनके पक्ष में जांच रिपोर्ट देने के लिए दस लाख रुपये की मांग की। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस में रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। इस शिकायत पर विजिलेंस ने कार्रवाई की थी।
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