स्वास्थ्य विभाग बनवा रहा प्रसव पोटली! अब तक एक हजार से अधिक बनवायी जा चुकीं
आगरा, 28 फरवरी। गर्भावस्था के दौरान और शिशु के जन्म की पहले से तैयारी करने और प्रसव पोटली तैयार करने से मुश्किल परिस्थितियां आने से बचा जा सकता है। इसमें गर्भवती के स्वास्थ्य संबंधी व आवश्यक सूचना और सामग्री को एकत्रित किया जाता है। जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जनपद में जन्म योजना व प्रसव पोटली बनाने पर जोर दिया जा रहा है। जनपद में अब तक एक हजार से ज्यादा प्रसव पोटली बनाई जा चुकी हैं।
ग्राम नया बांस निवासी 23 वर्षीय रचना ने सूझबूझ दिखाकर प्रसव पोटली तैयार कर ली थी। जब रचना गर्भवती हुईं तब पंजीकरण के उपरांत एएनएम और स्थानीय आशा कार्यकर्ता द्वारा गर्भावस्था के तीसरे महीने में समीक्षा की गई। इसके बाद जन्म योजना की तैयारी शुरु कर दी। छठवें माह में आशा कार्यकर्ता द्वारा घर पर जाकर परिवार के सदस्यों के समक्ष जन्म योजना व प्रसव पोटली बनाने के लिए कहा। आशा कार्यकर्ता के कहे अनुसार रचना व परिवार के सदस्यों ने प्रसव पोटली तैयार कर ली। इसके बाद गर्भावस्था के नौंवें महीने में 29 जनवरी 2025 को रचना को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, जैसा कि पहले से जन्म योजना व प्रसव पोटली तैयार कर ली गई थी। उसी के अनुरूप रचना ने आशा कार्यकर्ता श्यामलता को रात को एक बजे फोन किया। आशा कार्यकर्ता तुरंत रचना के घर पहुंचीं और पंजीकरण आईडी लेकर 102 एंबुलेंस सेवा को फोन करके बुलाया और पहले निर्धारित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आंवलखेड़ा पर रचना को ले जाया गया। यहां पर उनका संस्थागत प्रसव किया गया। प्रसव पोटली में मौजूद सामग्री से उन्हें कोई भी मुश्किल नहीं हुई। सुरक्षित तरीके से रचना ने सुबह छह बजे बिटिया को जन्म दिया। रचना बताती हैं कि जन्म योजना व प्रसव पोटली प्रत्येक गर्भवती के लिए आवश्यक हैं। यह प्रसव पीड़ा के दौरान सबकुछ आसान कर देते हैं। क्या कदम उठाने हैं और कहां जाना है सभी निर्णय लेना आसान हो जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में शिशु का जन्म सबसे सुरक्षित है। इसके लिए जननी सुरक्षा योजना के तहत पहले से ही आशा कार्यकर्ता के द्वारा जन्म योजना, प्रसव पोटली तैयार करा दी जाती है। गर्भ का पता चलते ही गर्भवती का पंजीकरण होता है और चिकित्सक द्वारा गर्भवती की सभी प्रसव पूर्व जांचें की जाती है। परीक्षण कराने के बाद एएनएम व आशा कार्यकर्ता जन्म योजना की तैयारी शुरू कर देती हैं। छठवें महीने में जन्म योजना व प्रसव पोटली तैयार कर ली जाती है। इसके माध्यम से गर्भवती व उसके परिवार के सदस्यों को इसकी संपूर्ण जानकारी दी जाती है। जैसे ही प्रसव की तिथि नजदीक आने वाली होती है तो एक झोले में मां व शिशु के लिए आवश्यक सामग्री रखने के साथ अस्पताल का चयन किया जाता है। इसे प्रसव पोटली कहते हैं। प्रसूता के साथ में कौन जाएगा। घर की देखभाल कौन करेगा आदि सभी तैयारियां गर्भावस्था के दौरान करा दी जाती हैं।
पोषण पोटली में क्या होता है
- आशा कार्यकर्ता का फोन नंबर
- एएनएम का फोन नंबर
- सीएचसी प्रभारी का फोन नंबर
- एंबुलेंस 102 का नंबर
- स्थानीय वाहन चालक का नंबर
- नवजात शिशु के लिए कपड़े
- नवजात के लिए डायपर
- गर्म कंबल
- गर्भवती का एमसीपी कार्ड
- गर्भवती का आधार कार्ड
- गर्भवती की बैंक पासबुक
- गर्भवती का अल्ट्रासाउंड
- पैसों की व्यवस्था
- अन्य सामग्री
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