ताज महोत्सव में गोरखपुर के भोजपुरी लोकगायक राकेश उपाध्याय के गीतों पर झूमे लोग
आगरा, 26 फरवरी। गोरखपुर से पधारे अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी लोकगायक राकेश उपाध्याय ने ताज महोत्सव के मुख्य मंच से बुधवार को अपनी पहली प्रस्तुति महाशिवरात्रि पर बाबा भोलेनाथ को समर्पित की, जिसके बोल थे.."बसहा चढ़ल शिव जी अइलें बरियतिया डरवा लागेला, मुहवा में एकहु नइखे दांत।" दूसरी प्रस्तुति में राकेश ने गाया-"कुइयां के ठंडा पानी पीपल की छाव रे अइहो परदेशिया सबेरे मोरा गांव रे।"
उपस्थित जन समूह की मांग पर राकेश उपाध्याय ने होली गीत उलारा प्रस्तुत किया जिसके बोल थे- फुल गेना के आइल बहार हे रसिया गेना लगईल बगिया में।
गोरखपुर के राकेश उपाध्याय देश के सभी सम्मानित मंचों के अलावा दक्षिण अफ्रीका, बैंकाक, मस्कट ओमान, नीदरलैंड और सिंगापुर में अपने लोकगायन से देश का सम्मान बढ़ा चुके हैं। वर्ष 2016 उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित राकेश उत्तर प्रदेश संत कबीर अकादमी के सदस्य हैं, साथ ही संस्कार भारती गोरखपुर महानगर के मंचीय कला संयोजक भी हैं।
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आगरा, 26 फरवरी। ताज महोत्सव में सदर मुक्ताशीय मंच पर बुधवार को महाशिवरात्रि पर्व पर प्रवीन वर्मा और सुपर्णा वर्मा के भजन "हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ" और मुकेश शर्मा ने "भोले ओ भोले" गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की।
डॉ लाल सिंह राजपूत के जिकड़ी लोक गायन प्रस्तुत किया। इस ग्रुप में लाल सिंह ने गायन किया ढोलक करन सिंह, ऑक्टोपैड पप्पू और मजीरे पर केशव सिंह ने सभी को अपनी प्रस्तुति से आनंदित कर दिया।
अन्य प्रस्तुतियों में जसपाल खुराना ने चांदी जैसा रंग है तेरा गाना गाया, नरेश रावत, सताक्षी, मानसी, ऋषिका, सुपर्णा, प्रवीण वर्मा, जी एस चौहान, मुकेश शर्मा ने अनेक फिल्मी गानों को गा कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। नन्ही बच्ची दर्शिता सिंह ने अपने नृत्य की प्रस्तुति दे कर सभी को नाचने पर मजबूर कर दिया।
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