पत्रकारिता में मथुरा की पहचान बने देशभक्त जी नहीं रहे

आगरा, 26 फरवरी। पड़ोसी जिले मथुरा की पत्रकारिता और शिक्षा जगत में विशिष्ट मुकाम पा चुके बुजुर्ग पत्रकार और शिक्षाविद अनंत स्वरूप वाजपेयी "देशभक्त" का बुधवार को आकस्मिक निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। पत्रकारिता जैसे व्यस्त पेशे में होने के बावजूद देशभक्त जी बेहद धर्मभीरू व्यक्ति थे। वे अक्सर स्थानीय मंदिरों के साथ ही गोवर्धन परिक्रमा के लिए जाया करते थे। उन्होंने अपना शरीर महाशिवरात्रि जैसे बड़े धार्मिक पर्व के दिन त्यागा।
देशभक्त जी लगभग 48 वर्ष तक पत्रकारिता से जुड़े रहे। उन्होंने समाचार एजेंसी यूनीवार्ता से पत्रकारिता की शुरुआत की और उसके बाद जनतायुग, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, हिन्दुस्तान टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया, पंजाब केसरी और अमर उजाला जैसे प्रमुख अखबारों और एजेंसियों में अपनी सेवाएं दीं। अमर उजाला से लंबे समय तक जुड़ाव रहने के कारण वह उसका पर्याय बन गए थे। देशभक्त जी, उन गिने-चुने पत्रकारों में से थे, जिनकी सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक सभी विषयों पर खासी पकड़ थी। धार्मिक विषयों पर तो उनकी लेखनी अति विशिष्ट होती थी। प्रशासनिक कमियों को निर्भीकता से उजागर करने की उनकी शैली के अधिकारी भी कायल रहते थे और उनके सक्रिय पत्रकारिता कम कर देने के बावजूद उनका मार्गदर्शन लेते रहते थे।
देशभक्त जी ने मथुरा में अमरनाथ विद्या आश्रम जैसी प्रमुख शैक्षिक संस्था को खड़ा करने में बड़ा योगदान दिया। इस संस्था के लिए शुरुआती आठ साल ऑनरेरी सेवाएं देने के बाद वे कई वर्ष तक यहां के प्राचार्य भी रहे। वे पिछले एक माह से अस्वस्थ चल रहे थे।
देशभक्त जी ने अपने पीछे पत्नी, दो बेटों और एक पुत्री का भरा-पूरा परिवार छोड़ा है। बड़े बेटे अरविंद वाजपेयी लखनऊ में "गुजरात वैभव" समाचार पत्र में कार्यरत हैं और छोटे पुत्र रोहित वाजपेयी मथुरा में ही अमरनाथ डिग्री कॉलेज में कार्यरत हैं। पुत्री आरती कनाडा में निवास कर रही हैं। पिता के निधन की सूचना पर आरती और अरविंद मथुरा के लिए रवाना हो गए। देशभक्त जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाएगा।
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