महाकुंभ में फिर लगी आग, सेक्टर-22 में कई पंडाल जले
प्रयागराज, 30 जनवरी। महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ के अगले दिन गुरुवार को आग लग गई, जिससे मेला क्षेत्र के सेक्टर- 22 में कई पंडाल जल गए। फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंच गई और आग पर काबू पाना शुरू कर दिया। किसी जनहानि की सूचना नहीं है। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आग किस वजह से लगी।
आग लगने की घटना नागेश्वर घाट और छतनाग घाट के पास टेंट सिटी के सेक्टर-22 में हुई। झूंसी की तरफ एक प्राइवेट कंपनी द्वारा लगाई गई वैदिक टेंट सिटी में अचानक लगी आग तेजी से फैल गई, जिससे मिनटों के अंदर ही दर्जनों टेंट जलकर राख हो गए। बताया जा रहा है कि आग लगने पर हंगामा मचते ही सभी लोग टेंटों के अंदर से बाहर निकल आए, जिससे कोई घायल नहीं हुआ। हालांकि किसी अधिकारी का आधिकारिक बयान तुरंत नहीं आया।
इससे पहले 19 जनवरी को भी महाकुंभ मेला क्षेत्र में आग लगने का बड़ा हादसा हुआ था। शाम करीब साढ़े चार बजे शास्त्री ब्रिज के पास सेक्टर-19 में गीता प्रेस के कैंप में आग लगी थी। इस हादसे में 180 कॉटेज जल गए थे। महाकुंभ प्रशासन के अनुसार, गीता प्रेस की रसोई में छोटे गैस सिलेंडर से चाय बनाते समय गैस लीक होने के कारण आग लगी थी। आग के कारण रसोई में रखे दो गैस सिलेंडर भी ब्लास्ट हो गए थे, हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई थी।
गौरतलब है कि महाकुंभ नगरी में फायर ऑपरेशंस के लिए एडवांस्ड फीचर वाले 4 आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर (LWT) तैनात की गई हैं। इनमें वीडियो-थर्मल इमेजिनिंग जैसा एडवांस सिस्टम है। इसका इस्तेमाल बहुमंजिली और ऊंचाई वाले टेंट की आग बुझाने के लिए किया जाता है। LWT 35 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझा सकती है। महाकुंभ मेला क्षेत्र को फायर फ्री बनाने के लिए यहां 350 से ज्यादा फायर ब्रिगेड, 2000 से ज्यादा ट्रेंड मैनपावर, 50 अग्निशमन केंद्र और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं। अखाड़ों और टेंट में फायर प्रोटेक्शन इक्विपमेंट लगाए गए हैं।
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