एक अस्पताल की एनओसी संदिग्ध, सात अस्पतालों में मानक अधूरे, मरीज भर्ती करने पर रोक की संस्तुति
आगरा, 19 नवम्बर। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले अस्पतालों में अग्निशमन उपायों की समीक्षा करने निकली स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग की संयुक्त टीम को मंगलवार को एक अस्पताल की एनओसी संदिग्ध मिली, सात अस्पतालों में मानक अधूरे पाए गए। टीम ने इन अस्पतालों में मरीज भर्ती करने पर रोक लगाने की संस्तुति की है।
गौरतलब है कि झांसी मेडिकल कालेज अग्निकांड में 11 नवजात की मौत के बाद सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में हॉस्पिटलों में अग्नि सुरक्षा का आडिट करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने आडिट के लिए अग्निशमन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम गठित की है। टीम ने मंगलवार को कमला नगर क्षेत्र के हॉस्पिटलों का निरीक्षण किया।
एसीएमओ डॉ. जितेंद्र लवानिया के अनुसार, सार्थक हॉस्पिटल कमला नगर की जांच की गई, यहां हॉस्पिटल संचालक ने वर्ष 2022 की फायर की एनओसी दिखाई, एनओसी 2025 तक मान्य थी। एनओसी पर जिन मुख्य अग्निशमन अधिकारी के हस्ताक्षर थे, वे आगरा में कार्यरत ही नहीं रहे।
हॉस्पिटल संचालक टीम को अग्निशमन विभाग में एनओसी के लिए किए गए ऑनलाइन आवेदन की प्रति भी उपलब्ध नहीं करा सके। दूसरी ओर सार्थक हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजीव गुप्ता का मीडिया से कहना है कि आरोप निराधार हैं, अग्निशमन विभाग द्वारा एनओसी जारी की गई है और 2025 तक वैधता है। मंडल अधिकारी के हस्ताक्षर भी हैं।
एसीएमओ डॉ. जितेंद्र लवानिया ने मीडिया को बताया कि कमला नगर ओम अशोका हॉस्पिटल, भाटिया क्रिटिकल केयर एंड मैटरनिटी सेंटर, बीएम हॉस्पिटल, ह्रदयम हॉस्पिटल, अभिलाषा नर्सिंग होम, सर्वोदय हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। हॉस्पिटलों में अग्निशमन विभाग के मानक अधूरे मिले। किसी भी हॉस्पिटल में आग बुझाने के प्रर्याप्त इंतजाम नहीं मिले हैं। इन सभी हॉस्पिटलों में मानक पूरे न होने तक मरीज भर्ती करने परी रोक लगाने की संस्तुति की गई है।
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