आयकर छूट पुरानी कर प्रणाली वालों के लिये मात्र छलावा
आगरा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को संसद में पेश आम बजट को लेकर शहरवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है। शहरवासी यह तो मानते हैं कि यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला बजट है और इसमें उद्यमी, नौकरीपेशा लोगों, महिलाओं, युवाओं, किसानों और वरिष्ठ नागरिकों का ख्याल रखा गया है लेकिन उद्योगों के लिये विशेष राहत देने वाला बजट नहीं मानते हैं। कर विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर स्लैब में छूट केवल नवीन कर प्रणाली में दी गई है, जबकि बहुतायत में लोग पुरानी कर प्रणाली अपनाये हुए हैं, उनके लिये यह छूट बढ़ोत्तरी मात्र छलावा है।
वित्तमंत्री ने नौकरीपेशा लोगों को बजट में बड़ी राहत दी है। नयी कर योजना के अंतर्गत अब सात लाख तक की आय को टैक्स फ्री कर जनता को बड़ी सौगात दी है। साथ ही नौ साल बाद आयकर स्लैब की संख्या घटाकर नयी राहत दी है। वित्तमंत्री ने नयी महिला सम्मान बचत योजना शुरू की है जिसमें दो लाख की बचत पर 7.5 प्रतिशत ब्याज दर मिलेगा। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख कर बुजगों के लिए भी बड़ा ऐलान किया है।
- सीए दीपिका मित्तल
आयकर की दरों में बदलाव से मध्य वर्ग एवं नौकरीपेशा लोगों को कुछ राहत मिलेगी। टियर-2 में आने वाले शहरों के लिए यूआईडीएफ की स्थापना की जाएगी, जिससे वहां पर विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा, आगरा को इससे लाभ मिलेगा। बजट प्रस्तावों से एमएसएमई सेक्टर को मजबूत होगा। अप्रत्यक्ष करों में सरलीकरण से आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल मिलेगा।
- सीए रोहित दुआ
टैक्स स्लैब में पांच लाख की जगह सात लाख की टैक्स लिमिट करने से मध्यम वर्ग को फायदा होगा परन्तु पुराने टैक्स सिस्टम को छोड़ने की वजह से बचत करने की प्रवृत्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सेक्शन 10 (22बी) में न्यूज एजेंसी को टैक्स से छूट मिलती थी। यह छूट 1994 से लगातार चली आ रही थी। यह ऐसी न्यूज एजेंसी को मिलती थी, जिसका काम न्यूज को कलेक्ट करना व आगे डिस्ट्रीब्यूट करना था। बजट में यह छूट वापस ले ली गयी है।
- सीए मोहन लाल कुकरेजा
बजट के प्रावधानों से जहां घरेलू व्यापार में नये अवसर मिलेंगे, वहीं देश के निर्यात व्यापार को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। जीएसटी कर ढांचे के सरलीकरण के संबंध में कुछ भी ठोस घोषणा नहीं की गई है, जो एक बाजार-एक कर के सिद्धांत के विपरीत है और एवं इसके साथ ही ई- कॉमर्स में विदेशी कंपनियों द्वारा किए जा रहे मनमाने रवैये पर भी कोई बात न कहने से देश भर के व्यापारियों में निराशा है।
-गागन दास रामानी वरिष्ठ जूता उद्यमी
बजट में नई व्यक्तिगत आयकर कर प्रणाली में छूट प्रशंसनीय हैं, परंतु पुरानी कर प्रणाली में छूट न देकर कर करदाताओं को काफी निराश किया है। साथ ही बचत योजना में जो छूट दी जाती थी उसने वृद्धि न करके कराओं के निको असुरक्षित कर दिया है।
- चरणजीत थापर, वरिष्ठ उद्यमी
पर्यटन हर बार बजट में छला जाता रहा है। इस बार कोरोना के बाद बजट में पर्यटन के लिए कुछ उम्मीद केंद्र से थी परंतु इस बार भी हताशा हाथ लगी है। इस बार पर्यटन व्यवसायियों को बजट से कुछ ज्यादा ही उम्मीद थी।
- अवनीश शिरोमणि, होटल व्यवसायी
______________________
Post a Comment
0 Comments