राधास्वामी मत के गुरु, पूर्व कुलपति प्रो. अगम प्रसाद माथुर नहीं रहे
आगरा, 25 जनवरी। राधास्वामी मत के पांचवें गुरु और आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर (दादाजी महाराज) का आज बुधवार की दोपहर निधन हो गया। निधन की आधिकारिक घोषणा दोपहर दो बजे के लगभग की गई। उनके निधन की सूचना पाते ही दुनिया भर के फैले राधास्वामी मत के अनुयायियों में शोक की लहर है। हजूरी भवन, पीपल मंडी, आगरा में हर कोई राधास्वामी नाम का जाप कर रहा है। अंतिम यात्रा 27 जनवरी को हजूरी भवन से ताजगंज स्थित मोक्षधाम के लिए प्रस्थान करेगी।
27 जुलाई, 1930 को जन्मे ईश्वर अगम प्रसाद माथुर की ख्याति धर्मगुरु, शिक्षाविद विचारक, इतिहासवेत्ता, ऑर्कियोलॉजिस्ट, लेखक, कवि, साहित्यकार के रूप में अधिक रही। उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं, जिनके माध्यम से दुनिया भर के राधास्वामी मत के अनुयायी मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं।
राधास्वामी मत के अधिष्ठाता के रूप में दादाजी महाराज ने पूरे देश का भ्रमण कर मत के सिद्धांतों से हर किसी को अवगत कराया। उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में अनेक सुधार किए।
दादाजी महाराज ने सेंट जॉन्स कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। वे प्रोफेसर केबरूप में आगरा कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष भी रहे। उनके मार्गदर्शन में दर्जनों लोगों ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे आगरा विश्वविद्यालय के दो बार कुलपति रहे जो एक रिकॉर्ड है। दादाजी महाराज ने कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय में अनेक सुधार किए। तमाम व्यावसायिक पाठ्यक्रम उन्हीं की देन है। हजूरी भवन का वर्तमान स्वरूप भी दादाजी महाराज की देन है। उनके द्वारा किए गए सुधार कार्य सदैव अविस्मरणीय रहेंगे।
हजूरी भवन से जारी सूचना
॥राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय॥
अति महत्वपूर्ण सूचना :
राधास्वामी सत्संग के आदि केंद्र हज़ूरी भवन पीपल मंडी आगरा के अधिष्ठाता परम पुरुष पूरन धनी दादाजी महाराज प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर ने आज दिनांक २५-१-२०२३ दिन बुधवार को चोला छोड़ दिया है। अंतिम यात्रा दिनांक २७-१-२०२३ दिन शुक्रवार को हज़ूरी भवन पीपल मंडी, आगरा से प्रातः १० बजे ताज गंज के लिए प्रस्थान करेगी।
आगरा विश्विद्यालय के पूर्व वरिष्ठ सहायक बलदेव भटनागर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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